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Fainting क्या है अचानक बेहोश होने के पीछे की सच्चाई

बेहोशी क्या होती है(Fainting Meaning in Hindi)

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“Fainting” का हिंदी अर्थ है “बेहोश होना” या “मूर्छित होना”। यह एक अस्थायी स्थिति होती है, जिसमें व्यक्ति अचानक होश खो बैठता है और कुछ समय के लिए संवेदनाएँ बंद हो जाती हैं। यह स्थिति कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक रह सकती है। बेहोशी सामान्यतः रक्त प्रवाह के अचानक कम हो जाने से मस्तिष्क तक ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाने के कारण होती हैबेहोशी का अनुभव लगभग सभी ने कभी न कभी किया या देखा होता है। यह एक सामान्य लेकिन कभी-कभी गंभीर स्थिति भी बन सकती है, इसलिए इसके कारणों, लक्षणों, उपचार और बचाव की जानकारी होना आवश्यक है।

बेहोशी के कारण

रक्तचाप में गिरावट (Low Blood Pressure)

जब रक्तचाप अचानक गिरता है, तो मस्तिष्क को पर्याप्त रक्त नहीं मिलता, जिससे बेहोशी हो सकती है। रक्तचाप में गिरावट और बेहोशी (Fainting or Syncope) का सीधा संबंध है। जब रक्तचाप बहुत कम हो जाता है, तो शरीर के महत्वपूर्ण अंगों, खासकर मस्तिष्क, को पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिल पाते। इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति को बेहोशी (syncope) हो सकती है। यह एक प्रकार की अस्थायी चेतना की हानि है, जो आमतौर पर कुछ सेकंड या मिनटों में ठीक हो जाती है।

निर्जलीकरण (Dehydration)

शरीर में पानी की कमी होने पर रक्तचाप गिर सकता है, जिससे बेहोशी हो सकती है। (Dehydration) तब होता है जब शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है, जिससे शरीर के सामान्य कार्य प्रभावित होते हैं। पानी शरीर के विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आवश्यक होता है, जैसे तापमान नियंत्रण, पोषक तत्वों की आपूर्ति, और अपशिष्ट पदार्थों की सफाई। जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो यह स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, और रक्तचाप में गिरावट, चक्कर आना, थकान, और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

भूख या लो ब्लड शुगर (Hypoglycemia)  

जब व्यक्ति लंबे समय तक भूखा रहता है या डायबिटीज़ के कारण रक्त में शर्करा का स्तर कम हो जाता है, तो बेहोशी हो सकती है। Hypoglycemia) तब होता है जब रक्त में ग्लूकोज (चीनी) का स्तर सामान्य से कम हो जाता है। ग्लूकोज शरीर का प्रमुखऊर्जा स्रोत होता है, और जब रक्त शर्करा का स्तर गिरता है, तो यह मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों के सामान्य कार्य को प्रभावित कर सकता है।ब्लड शुगर का कम होना आमतौर पर मधुमेह (Diabetes) वाले लोगों में देखा जाता है, लेकिन यह स्वस्थ व्यक्तियों में भी हो सकता है। जब रक्त शर्करा का स्तर बहुत गिर जाता है, तो यह गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है और तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है।

खड़ा होने पर तेजी से खड़ा होना (Orthostatic Hypotension)

तब होता है जब व्यक्ति अचानक से खड़ा होता है और रक्तचाप में गिरावट की वजह से उसे चक्कर आते हैं या वह बेहोश हो सकता है। यह एक सामान्य समस्या है, लेकिन अगर बार-बार हो, तो यह स्वास्थ्य की समस्या का संकेत हो सकता है।जब हम लेटे हुए होते हैं, तो शरीर में रक्तचाप स्थिर रहता है, लेकिन जैसे ही हम अचानक खड़े होते हैं, शरीर को रक्त को सिर और मस्तिष्क में पहुंचाने के लिए अपनी रक्त वाहिकाओं को संकुचित करना पड़ता है। यदि यह प्रक्रिया ठीक से काम नहीं करती, तो रक्तचाप गिर सकता है और व्यक्ति को चक्कर या हल्का बेहोशी महसूस हो सकता है।

दिल से संबंधित समस्याएं (Heart-Related Causes of Fainting)

जब किसी व्यक्ति को बेहोशी की शिकायत होती है, तो सबसे गंभीर कारणों में से एक होता है हृदयसेजुड़ीसमस्याएं। हृदय शरीर के सभी अंगों, विशेषकर मस्तिष्क, को रक्त और ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करता है। जब यह प्रणाली किसी कारणवश बाधित होती है, तो मस्तिष्क को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता, जिससे व्यक्ति बेहोश हो सकता है जब हृदय बहुत तेज (Tachycardia) या बहुत धीमा (Bradycardia) धड़कने लगता है, तो वह प्रभावी ढंग से रक्त पंप नहीं कर पाता। इससे मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह घट जाता है और व्यक्ति बेहोश हो सकता है। दय की धमनियों में जमा हुआ कोलेस्ट्रॉल रक्त प्रवाह को बाधित करता है। इससे हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती और यह शरीर को सही ढंग से पंप नहीं कर पाता, जिससे व्यक्ति को बेहोशी आ सकती है।

तनाव और घबराहट (Emotional Stress)

Fainting का एक कम समझा गया लेकिन महत्वपूर्ण कारण है भावनात्मक तनाव। जब व्यक्ति अत्यधिक तनाव, डर, या मानसिक झटके की स्थिति में होता है, तब शरीर की स्वाभाविक प्रतिक्रिया में रक्तचाप और दिल की धड़कन में अचानक बदलाव आ सकता है, जिससे मस्तिष्क को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता और व्यक्ति बेहोश हो सकता है। जब आप भावनात्मक रूप से बहुत अधिक तनाव में होते हैं (जैसे – कोई डरावनी खबर सुनना, अचानकदुर्घटना देखना, या भीड़ में घबराना), तो सिंपथेटिकनर्वससिस्टम सक्रिय हो जाता है। यह “फाइट-या-फ्लाइट” प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है, जिससे शरीर में रक्तचाप अचानक गिर जाता हैदिल की धड़कन धीमी हो जाती है

बेहोशी के प्रमुख लक्षण (Symptoms of Unconsciousness)

बेहोशी (Unconsciousness) एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति होश (consciousness) खो देता है और प्रतिक्रिया देना बंद कर देता है। यह स्थिति कुछ सेकंड से लेकर कई मिनट या उससे अधिक समय तक रह सकती है।

संपूर्ण प्रतिक्रिया की कमी (Lack of total responsiveness)

व्यक्ति आवाज़, स्पर्श या दर्द पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता। एक ऐसा लक्षण है जो बेहोशी की स्थिति में दिखाई देता है। इसका मतलब है कि व्यक्ति किसी भी बाहरी उत्तेजना (stimulus) जैसे कि आवाज़, स्पर्श, हिलाने या दर्द पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता। आप उसे जोर से बुलाएं या झकझोरें, फिर भी वह कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा। अगर आप उसके नाखून में चुटकी लें या तेज़ आवाज़ करें, तब भी वह ना तो आंखें खोलेगा, ना कुछ कहेगा, ना ही कोई हरकत करेगा। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं आते, और मांसपेशियाँ पूरी तरह ढीली हो जाती हैं।

आंखें बंद होना बेहोशी (Unconsciousness)

– आंखें पूरी तरह बंद रहती हैं और खोलने पर भी पुतलियों में कोई प्रतिक्रिया नहीं होती। बेहोशी (Unconsciousness) का एक सामान्य और प्रमुख लक्षण है। जब कोई व्यक्ति बेहोश होता है, तो उसकी आंखें अक्सर स्वतः बंद हो जाती हैं और वह उन्हें खोलने या हिलाने में असमर्थ होता है। क्ति को अपने आसपास की चीज़ों का कोई एहसास नहीं होता। अगर आप उसकी पलकों को उठाएं, तो आँखों की पुतलियों में भी रोशनी के प्रति प्रतिक्रिया (pupil reflex) नहीं या बहुत धीमी होती है।

श्वास में असामान्यता (Irregular or Abnormal Breathing)

बहुत धीमी, तेज़ या अनियमित साँसें। बेहोशी का एक महत्वपूर्ण लक्षण है। जब कोई व्यक्ति बेहोश होता है, तो उसका साँस लेने का तरीका सामान्य नहीं रहता, और यह शरीर में किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। व्यक्ति बहुत धीरे-धीरे सांस ले रहा होता है — जैसे 6 या उससे कम बार प्रति मिनट। साँस लेते समय आवाज़ आ सकती है जैसे घड़घड़ाहट, खर्राटे जैसी आवाजें या हांफने जैसा महसूस होना।

·  धीमी या न के बराबर नाड़ी (Slow or Absent Pulse)

नाड़ी बहुत धीमी, कमजोर या महसूस नहीं होती। बेहोशी की अवस्था में एक गंभीर चेतावनी संकेत होता है। यह दर्शाता है कि शरीर का रक्त परिसंचरण (blood circulation) सामान्य रूप से काम नहीं कर रहा है, और मस्तिष्क व अन्य अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। नाड़ी की गति सामान्य से बहुत कम हो जाती है हाथ या गर्दनपर नाड़ी बहुत धीमी, हल्की या दुर्बल महसूस होती है।

स्नायविक प्रतिक्रिया में कमी (Lack of Neurological Response)

बेहोशी की स्थिति का एक गंभीर लक्षण है, जो यह दर्शाता है कि व्यक्ति का मस्तिष्क और स्नायविक तंत्र (nervous system) ठीक से काम नहीं कर रहा है तेज़ आवाज़ पर चौंकना दर्द पर प्रतिक्रिया देना (जैसे चुटकी काटने पर हिलना या चीखना आँखों की पुतलियों का तेज़ रोशनी पर सिकुड़नाआवाज़ या स्पर्श पर सिर या हाथ-पैर हिलाना

सिर या शरीर का गिर जाना (Collapse or Falling Down)

व्यक्ति अचानक गिर सकता है और शरीर ढीला हो जाता है। बेहोशी का एक आम और गंभीर लक्षण है, जो अचानक चेतना खोने के कारण होता है। जब व्यक्ति बेहोश होता है, तो वह अपने शरीर को नियंत्रित नहीं कर पाता, जिससे वह गिर सकता है। व्यक्ति तुरंत होश खो देता है और संतुलन बिगड़ जाता है। उसे अपने शरीर को संभालने में असमर्थता होती है।

अनियंत्रित मूत्र या मल त्याग (Involuntary Urine or Stool Passing)

कुछ मामलों में व्यक्ति की पेशाब या मल पर नियंत्रण नहीं रहता। बेहोशी या गंभीर मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र की समस्याओं का एक लक्षण हो सकता है। जब कोई व्यक्ति बेहोश होता है, तो उसके शरीर के स्वैच्छिक नियंत्रण—जैसे पेशाब या मल त्याग—खराब हो जाते हैं, जिससे यह घटना हो सकती है।तंत्रिका तंत्र का नियंत्रण प्रभावित होता है। मांसपेशियों का अनियंत्रित संकुचन होता है जिससे मूत्र या मल निकल सकते हैं।

·  झटके (Seizures or Convulsions)

बेहोशी से पहले या दौरान मिर्गी जैसे झटके आ सकते हैं। बेहोशी या चेतना की हानि के साथ जुड़ा एक गंभीर लक्षण हो सकता है। यह अचानक मांसपेशियों की अनियंत्रित सिकुड़न या कंपकंपी होती है, जिससे व्यक्ति का शरीर हिलने लगता है।शरीर के अंग जैसे हाथ-पैर तेज़ी से और अनियंत्रित हिलते हैं। व्यक्ति बेहोश या अचेत हो सकता है।

भ्रम या चक्कर आना (Confusion or Dizziness)

बेहोशी से पहले व्यक्ति चक्कर, आंखों के सामने अंधेरा या भ्रम की स्थिति अनुभव कर सकता है। बेहोशी से पहले या उसके दौरान होने वाले सामान्य लक्षण हो सकते हैं। ये संकेत शरीर और मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी या रक्त परिसंचरण में गड़बड़ी का संकेत देते हैं। सोचने या समझने में कठिनाई सिर घूमना या अस्थिर महसूस होना आस-पास की चीज़ें धुंधली या डबल दिखाई देना संतुलन खोना और गिरने का डरयदि कोई व्यक्ति इन लक्षणों का अनुभव करता है, तो उसे तुरंत बैठ जाना या लेट जाना चाहिए ताकि गिरने से बचा जा सके।

बेहोशी के समय क्या करें

  1. सुरक्षा सुनिश्चित करें: सुनिश्चित करें कि व्यक्ति सुरक्षित स्थिति में है। यदि वह खड़ा है, तो उसे धीरे-धीरे जमीन पर लाने की कोशिश करें। अगर व्यक्ति बेहोश हो गया है या गिरने वाला है, तो उसे गिरने से पहले पकड़ें या उसके गिरने की दिशा में खुद को स्थिति में लाकर उसे संभालें।
  2. जागरूकता की जांच करें: व्यक्ति को हल्के से थपथपाएं और उसका नाम लें कि क्या वह प्रतिक्रिया देता है। अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह व्यक्ति की स्थिति को समझने और उसकी उचित देखभाल की दिशा में मदद करता है। जब कोई व्यक्ति बेहोश होता है, तो यह पता लगाना कि वह होश में आ रहा है या नहीं, इसके लिए उसकी जागरूकताऔर सतर्कता की जांच की जानी चाहिए। इससे यह भी पता चलता है कि क्या उसे तत्काल चिकित्सा मदद की आवश्यकता है या वह धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ सकता है।

3.स्थिति यदि व्यक्ति बेहोश है, तो उसे पीठ के बल लिटाएं और उसके पैरों को थोड़ा ऊँचा करें। इससे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बढ़ता है।एक गंभीर और जटिल अवस्था हो सकती है, जिसमें व्यक्ति की चेतना का स्तर गिर जाता है और वह बिना किसी प्रतिक्रिया के होश खो बैठता है। यह किसी भी समय हो सकता है और कई कारणों से उत्पन्न हो सकता है। स्थिति को सही ढंग से पहचानना और तत्काल उचित कदम उठाना बेहद महत्वपूर्ण होता है।

जब भी कोई व्यक्ति बेहोश होता है, तो स्थिति को समझना और सही तरीके से प्रबंधित करना यह निर्धारित करता है कि वह व्यक्ति जल्दी ठीक हो पाएगा या नहीं।

4.कपड़े ढीले करें: यदि व्यक्ति के कपड़े तंग हैं, तो उन्हें ढीला करें ताकि वह आसानी से सांस ले सके। एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर अगर व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई हो रही हो। इस कदम का उद्देश्य व्यक्ति के शरीर को आरामदायक और खुला माहौल प्रदान करना है ताकि वह आसानी से सांस ले सके और उसकी स्थिति बेहतर हो सके।

5.श्वसन की निगरानी करें: देखें कि क्या व्यक्ति सामान्य रूप से सांस ले रहा है। यदि वह सांस नहीं ले रहा है, तो तुरंत आपातकालीन सहायता के लिए कॉल करें। अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि सांस लेने में कोई भी रुकावट व्यक्ति की स्थिति को और अधिक गंभीर बना सकती है। श्वसन प्रणाली का सही कामकाज जीवन के लिए आवश्यक होता है, और जब किसी व्यक्ति का श्वसन प्रभावित होता है, तो यह तुरंत ध्यान देने योग्य होता है।

6.शांत रहें: जब व्यक्ति होश में आए, तो उसे आश्वस्त करें। वह भ्रमित या असहज महसूस कर सकता है। एक बेहद महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल आपके लिए, बल्कि बेहोश व्यक्ति के लिए भी मददगार साबित हो सकता है। शांत रहने से आप बेहतर निर्णय ले सकते हैं, सही कदम उठा सकते हैं, और तनाव को कम कर सकते हैं, जो किसी भी आपातकालीन स्थिति में अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है।

  • चिकित्सीय सहायता प्राप्त करें: यदि व्यक्ति कुछ मिनटों के भीतर होश में नहीं आता है या यदि उसे बार-बार बेहोशी होती है, तो चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। किसी भी आपातकालीन स्थिति, जैसे बेहोशी, में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब किसी व्यक्ति को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ता है, तो सही समय पर और उचित तरीके से चिकित्सा सहायता प्राप्त करना उसकी सेहत और जीवन को बचाने में मदद कर सकता है।

बेहोशी से बचाव के उपाय

  1. हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, विशेषकर गर्म मौसम में या शारीरिक गतिविधियों के दौरान।
  2. नियमित भोजन करें: संतुलित आहार का पालन करें और भोजन को छोड़ने से बचें ताकि रक्त शर्करा का स्तर स्थिर रहे।
  3. अचानक गति से बचें: जब आप खड़े होते हैं, तो धीरे-धीरे खड़े हों और अपने शरीर को समय दें।
  4. तनाव प्रबंधन: तनाव और चिंता को प्रबंधित करने के लिए

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