सुपारी Arecanut के फायदे, औषधीय गुण, लाभ और नुकसान
Arecanut यह एक बीज होता है जो पान में खाया जाता है। सुपारी, अरेका पाम (Areca palm) के पेड़ से प्राप्त होती है और आमतौर पर इसे सुखाकर, काटकर या पीसकर इस्तेमाल किया जाता है। कई लोग इसे तंबाकू के साथ भी मिलाकर खाते हैं, लेकिन इसको ज्यादा खाने से शरीर पर गलत प्रभाव पड़ता है
Arecanut प्रयोग:
पान में डाल कर प्रयोग किया जाता है और
धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में जैसे विवाह, पूजा आदि में
आयुर्वेद में कुछ औषधीय प्रयोगों में भी इसका प्रयोग बताया गया है जैसे :-
कृमिहर
सुपारी Arecanut में कृमिनाशक गुण होते हैं, इसलिए इसे पेट के कीड़ों को नष्ट करने के लिए प्रयोग किया जाता है।और अक्सर इसे पीसकर चूर्ण बनाकर उपयोग किया जाता है
दीपन-पाचन
सुपारी Arecanut पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है और भोजन से पहले या बाद में सुपारी चबाने से भूख बढ़ती हैऔर गैस और पाचन क्रिया की समस्या को भी कम करती है
Arecanut मुँह या स्त्रियों से जुडी शमश्य :-
मुँह की दुर्गंध, छाले, लार अधिक बनना आदि समस्याओं में सुपारी का प्रयोग किया जाता है और ऐसी तरह से कई आरवैदिक मंजन में भी सुपारी का पय्रोग किया जाता है और स्त्रियों की गर्भाशय की शुद्धि एवं मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं में सुपारी को अन्य दवाइओ या औषधियों के साथ मिलाकर दिया जाता है या हमारी घरेलु चीज़ो में भी प्रयोग किया जाता है
Arecanut पर्यावरणीय प्रभाव:
सुपारी के बागान हरियाली को बढ़ावा देते हैं और मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद करते हैं।
लेकिन अत्यधिक रसायनों और पानी की खपत की वजह से कभी-कभी पर्यावरणीय दबाव भी उत्पन्न होता है।
यह बहुस्तरीय खेती (multi-cropping) के लिए उपयुक्त होती है – सुपारी के साथ काली मिर्च, हल्दी, अदरक, इलायची जैसी फसलें उगाई जाती हैं।
पर्यावरण के लिए फायदेमंद:
मिट्टी को स्थिर करना:- सुपारी के पेड़ की जड़ें मिट्टी को बांधकर रखते हैं, जिससे मिट्टी का कटाव कम होता है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करना:-सभी पेड़ों की तरह, सुपारी के पेड़ भी कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं, जिससे जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिलती है।
जैव विविधता को बढ़ावा देना:– सुपारी के पेड़ पक्षियों, कीड़ों और छोटे जानवरों के लिए आश्रय और भोजन प्रदान करते हैं, जिससे जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है।
पानी का उपयोग:- सुपारी की खेती के लिए पानी की अधिक आवश्यकता होती है, जो भूजल के स्तर को कम कर सकता है।
बायोमास का उपयोग:– सुपारी के पेड़ से निकलने वाले बायोमास का उपयोग खाद, ऊर्जा और अन्य उत्पादों के लिए किया जा सकता है।
पर्यावरण-अनुकूल विकल्प:– सुपारी के पत्तों से बने उत्पादों का उपयोग प्लास्टिक के उत्पादों का एक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प हो सकता है।
पर्यावरण के लिए नुकसान:
कचरा: सुपारी के बढ़ते उपयोग से कचरे की समस्या बढ़ रही है, क्योंकि सुपारी के छिलके और अन्य अवशेषों को ठीक से निपटाया नहीं जाता है।
पानी का अत्यधिक उपयोग:– सुपारी की खेती के लिए पानी की अधिक आवश्यकता होती है, जो भूजल के स्तर को कम कर सकता है।
वनोन्मूलन: सुपारी की खेती के लिए वनों को काटा जा रहा है, जिससे जैव विविधता को नुकसान हो रहा है।
कीटनाशकों और उर्वरकों का उपयोग: सुपारी Arecanut की खेती में कीटनाशकों और उर्वरकों का उपयोग किया जाता है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
सुपारी की खेती का स्थायी विकल्प:
जैविक खेती: arecanut जैविक खेती के तरीकों का उपयोग करके सुपारी की खेती को अधिक स्थायी बनाया जा सकता है।
बायोमास का उपयोग: सुपारी के पेड़ से निकलने वाले बायोमास का उपयोग खाद, ऊर्जा और अन्य उत्पादों के लिएArecanut किया जा सकता है।
पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों का उपयोग: सुपारी के पत्तों से बने उत्पादों का उपयोग प्लास्टिक के उत्पादों का एक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प हो सकता है।
पानी का प्रबंधन: सुपारी की खेती के लिए पानी का उपयोग कम किया जा सकता है, जैसे कि ड्रिप इरिगेशन का उपयोग।
वनोन्मूलन को रोकना: सुपारी की खेती के लिए वनों को काटने से बचना चाहिए।
ए. कैटेचू एक पतला ताड़ का पेड़ है जिसका जीवनकाल सामान्यतः 60 वर्ष का होता है, लेकिन यह 100 वर्ष तक भी जीवित रह सकता है ।
Arecanut सावधानी:
सुपारी का नियमित और अधिक मात्रा में सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर बिना चिकित्सा परामर्श के।
आयुर्वेद में भी इसे औषधि के रूप में सीमित मात्रा में और अन्य द्रव्यों के साथ मिलाकर प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
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