Brussels Sprouts यह एक छोटी-छोटी गोल पत्तागोभी की तरह दिखने वाली सब्ज़ी है जो खासतौर पर यूरोप और अमेरिका में काफी खाई जाती है। भारत में यह कम ही देखी जाती है, लेकिन अब कुछ जगहों पर मिलने लगी है गोल और हरे रंग की होती है। इसका नाम बेल्जियम के ब्रसेल्स शहर से पड़ा है, जहाँ यह सबसे पहले उगाई गई थी। यह स्वाद में हल्की कड़वी होती है, लेकिन सही तरीके से पकाने पर बहुत ही शवदिस्ट लगती है
ब्रसेल्स स्प्राउट्स Brussels Sprouts की उत्पत्ति और इतिहास:
उत्पत्ति: ब्रसेल्स स्प्राउट्स(Brussels sprouts) की शुरुआत 13वीं शताब्दी में बेल्जियम के ब्रसेल्स क्षेत्र में हुई थी। वहीं से इसका नाम भी आया है। यह गोभी, फूलगोभी और ब्रोकोली की तरह क्रूसीफेरस (Cruciferous) सब्जियों के परिवार से संबंधित है।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स खाने के फायदे – ब्रसेल्स फाइबर से भरपूर होता है. कब्ज, आंतों में परेशानी या सूजन से पीड़ित लोगों के लिए ये फायदेमंद स्नैक्स होता है. ब्रसेल्स स्प्राउट्स में विटामिन के, फोलेट, कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम की भरपूर मात्रा होती है.
इसमें बेहद कम कैलोरी और भरपूर पोषक तत्व होते हैं. जिन्हें ब्लड शुगर, आंतों में खराबी, हाई कोलेस्ट्रोल जैसी समस्या है, उनके लिए ये फायदेमंद हो सकता है.
एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर ब्रसेल्स स्प्राउट्स में ग्लूकोसाईंनोलेट, पोलीफेनोल्स, फ्लेवोनोइड्स, क्लोरोफिल के साथ एंटी- इंफ्लेमेटरी के गुण होते हैं.
ब्रसेल्स स्प्राउट्स में कैरोटेनॉयड्स की भरपूर मात्रा होती है. जो आंखों की सेहत के लिए लाभदायक है.
ब्रसेल्स स्प्राउट्स का उपयोग कैसे करें?
ब्रसेल्स स्प्राउट्स के ज्यादा से ज्यादा लाभ पाने के लिए इन्हें सलाद के रूप में कच्चा खाया जा सकता है. क्योंकि स्प्राउट्स को उबलने या पकाने से विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट की कमी हो सकती है.
बेबी गोभी स्प्राउट्स और ब्रसेल्स स्प्राउट्स दोनों के स्वाद तो समान होता है, लेकिन इसका टेस्ट आप अपने अनुसार भी कर सकते हैं.
ब्रसेल्स स्प्राउट्स को उबालकर, स्टीम्ड, रोस्टेड या फिर स्टफ्ड किसी भी तरह से परोसा जा सकता है. लेकिन अगर कोई हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित है तो ब्रसेल्स स्प्राउट्स को खाने से पहले डॉक्टर की सलाह ले सकता है.
(Brussels sprouts)की विधि:
- ब्रसेल्स स्प्राउट्स को धोकर काट लें और पानी में 5 मिनट के लिए उबालें। फिर पानी निकालकर अलग रखें।
- कढ़ाई में सरसों का तेल गरम करें। राई के दाने डालें और चटकने दें। फिर जीरा और हींग डालें।
- लहसुन डालकर सुनहरा होने तक भूनें।
- हल्दी, लाल मिर्च, धनिया पाउडर डालें और मसालों को मिलाएं।
- उबले हुए ब्रसेल्स स्प्राउट्स डालें, नमक डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
- ढककर मध्यम आंच पर 5-7 मिनट तक पकाएं, जब तक स्प्राउट्स नरम न हो जाएं।
- आंच बंद करें, गरम मसाला और नींबू का रस डालें और मिलाएं।गरमागरम परोसें।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स खाने से जुड़ी कुछ सावधानियाँ:
इसे बहुत ज़्यादा मात्रा में खाने से गैस या ब्लोटिंग हो सकती है।
जिन लोगों को थायरॉइड की समस्या है, उन्हें इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए, क्योंकि ये आयोडीन अवशोषण को प्रभावित कर सकता है।
Brussels sprouts की खेती और उत्पादन:
यह सब्ज़ी ठंडे मौसम में बेहतर उगती है, इसलिए भारत में ये हिमाचल प्रदेश या उत्तर भारत के ठंडे इलाकों में उगाई जाती है
मिट्टी: जल निकासी वाली दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे उपयुक्त होती है।
कटाई का समय: जब छोटे-छोटे हरे बिंदु गोभी जैसे दिखने लगते हैं, तो उन्हें पौधे से नीचे की ओर से तोड़ लिया जाता है।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स के उपयोग:
सलाद में – उबले हुए या भुने हुए स्प्राउट्स को सलाद में मिलाकर।
सूप में – स्वाद और पौष्टिकता बढ़ाने के लिए।
स्टर फ्राई में – सब्ज़ियों के साथ भूनकर खाएं।
राइस/पास्ता डिश में – यूरोपियन और अमेरिकन रेसिपीज़ में एक मुख्य सामग्री के तौर पर प्रयोग होता है।
भारतीय अंदाज़ में – आलू या मटर के साथ मसालेदार तरीके से भी बना सकते हैं।
ब्रुसेल्स स्प्राउट्स को उपजाऊ, अच्छी जल निकासी वाली, ठोस मिट्टी के साथ धूप वाली जगह पसंद है। वे काफी लंबे पौधे बनाते हैं, इसलिए एक आश्रय वाली जगह चुनें, जहाँ वे तेज़ हवाओं से प्रभावित न हों। यदि आपकी मिट्टी बहुत अम्लीय है, तो पीएच को कम से कम 6.5 तक बढ़ाने के लिए चूना लगाएँ ।
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