आज के समय में हार्ट अटैक केवल बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है। 30 की उम्र में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कई युवाओं को अचानक हार्ट अटैक आने की घटनाएं अब आम होती जा रही हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? आज हम जानेंगे कि युवाओं में हार्ट अटैक क्यों बढ़ रहा है और इसके पीछे के 5 बड़े कारण क्या हैं।
अनहेल्दी लाइफस्टाइल
हमारे जीवन में शरीर पर गहरा असर डाला है। देर रात तक जागना, अनियमित खान-पान और व्यायाम की कमी आज युवाओं की सामान्य दिनचर्या बन गई है।
फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन: पिज्जा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजें शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ाती हैं और दिल की धमनियों को संकीर्ण कर देती हैं।
नींद की कमी: 6–8 घंटे की नींद दिल के लिए जरूरी है। लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में युवा नींद को प्राथमिकता नहीं देते।
गलत दिनचर्या: काम के दबाव में खाना समय पर न खाना, बिना भूख के खाना या लंबे समय तक भूखे रहना भी हार्ट हेल्थ पर असर डालता है।
युवाओं में हार्ट हेल्थ पर अनहेल्दी डाइट का खतरा
स्ट्रेस और मानसिक स्वास्थ्य के बीच का संबंध
आज के युवाओं की जिंदगी में तनाव हर जगह मौजूद है – करियर, पढ़ाई, रिलेशनशिप, आर्थिक स्थिति और भविष्य की चिंता। यह सब मिलकर मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, जो शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है।
क्रॉनिक स्ट्रेस शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन को बढ़ाता है जो हार्ट पर बुरा असर डालता है।
तनाव के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ना: हाई बीपी सीधे हार्ट अटैक से जुड़ा होता है।
नींद की कमी और चिंता: मानसिक अशांति शरीर को थका देती है और दिल पर दबाव डालती है।
धूम्रपान और शराब का सेवन
कम उम्र में धूम्रपान और शराब की आदतें युवाओं को दिल की बीमारी की ओर धकेल रही हैं। सिगरेट में निकोटीन धमनियों को सिकुड़ता है और रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है। और अत्यधिक शराब सेवन लिवर, किडनी और दिल तीनों को प्रभावित करता है।
शारीरिक गतिविधियाँ की कमी
डेस्क जॉब, मोबाइल और सोशल मीडिया के कारण अब शारीरिक गतिविधि लगभग न के बराबर हो गई है। यह भी हार्ट अटैक के प्रमुख कारणों में से एक है।
एक्टिव न रहने से मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है जिससे वजन और कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
व्यायाम की कमी हृदय को कमजोर बना देती है।
बैठे रहने की आदत रक्त संचार को बाधित करती है जिससे दिल पर असर पड़ता है।
एक्सरसाइज की कमी और हार्ट डिजीज, हार्ट प्रॉब्लम के लक्षण युवा
जेनेटिक फैक्टर और मेडिकल हिस्ट्री
यदि आपके परिवार में पहले किसी को हार्ट अटैक हुआ है, तो आपके लिए खतरा अधिक हो सकता है।
फैमिली हिस्ट्री: अगर माता-पिता को दिल की बीमारी है, तो आपको भी नियमित चेकअप कराना चाहिए।
डायबिटीज और हाई बीपी जैसी बीमारियां जेनेटिक हो सकती हैं जो हार्ट को प्रभावित करती हैं।
लक्षणों को नजरअंदाज करना: युवाओं में अक्सर लक्षणों को हल्के में लिया जाता है जो कि गंभीर साबित हो सकता है।
हार्ट अटैक के 5 मुख्य कारण, हार्ट डिजीज कारण
बचाव के उपाय
- स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करें.
- नियमित व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करें.
- वजन नियंत्रित रखें: स्वस्थ वजन बनाए रखें.
- धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान छोड़ें.
- शराब का सेवन सीमित करें: शराब का सेवन सीमित करें.
- तनाव कम करें: तनाव कम करने के लिए ध्यान या योग जैसे तरीके अपनाएं.
- नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं: नियमित रूप से डॉक्टर से स्वास्थ्य जांच करवाएं.
निष्कर्ष
30 की उम्र अब पहले जैसी नहीं रही। आज की भागदौड़ और भरी जिंदगी ने युवाओं को भी दिल की बीमारियों के खतरे में डाल दिया है। अनहेल्दी लाइफस्टाइल, तनाव, नशा, एक्सरसाइज की कमी और जेनेटिक फैक्टर्स हार्ट अटैक के 5 बड़े कारण हैं।
अगर समय रहते सावधानी बरती जाए, तो हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी से खुद को बचाया जा सकता है। अभी से लाइफस्टाइल बदलें, सेहत को प्राथमिकता दें और दिल का ध्यान रखें।
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