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धागे वाली मिश्री फायदे उपयोग औषधीय गुण और नुकसान

भारतीय रसोई में मिश्री का नाम आते ही मिठास की याद आ जाती है। खासकर “धागे वाली मिश्री” न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होती है बल्कि इसके औषधीय गुण भी अनेक हैं। यह पारंपरिक आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है और आज भी कई घरेलू उपचारों में प्रयोग की जाती है।Benefits of Dhaga mishri: आजकल लोगों ने अपनी डाइट में चीनी का इस्तेमाल करना काफी ज्यादा शुरू कर दिया है, जो हमारे स्वास्थ्य को थोड़ा बहुत नहीं बल्कि बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसे में धागा मिश्री का इस्तेमाल किया जा सकता है।आजकल लोगों का लाइफस्टाइल इतना खराब हो गया है कि अब खानपान पहले की तुलना में उनके शरीर को ज्यादा नुकसान पहुंचाने लगा है। मीठे की अगर बात करें तो पहले लोग खूब मीठा खाते थे, लेकिन मेहनत भी उतनी ही ज्यादा करते थे और इसलिए मीठा उनकी सेहत पर ज्यादा असर नहीं दिखा पाता है। लेकिन आजकल लोगों ने मीठा खाना कम कर दिया है, लेकिन फिर भी उनकी सेहत पर इसका असर रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि चीनी में रिफाइंड शुगर तो है ही साथ-साथ सल्फर जैसे कुछ केमिकल भी हैं, जो कहीं न कहीं सेहत को नुकसान पहुंचाते ही हैं। हालांकि, इसके कुछ विकल्प भी हैं, जिनमें धागा मिश्री भी एक है। अगर आप सिंपल चीनी की बजाय धागा मिश्री का उपयोग करते हैं, तो उससे कई फायदे मिल सक

ते हैं, क्योंकि मिश्री को सिर्फ गन्ने के रस से ही तैयार किया जाता है है और इसमें सल्फर आदि का इस्तेमाल नहीं होता है।

धागे वाली मिश्री क्या होती है

धागे वाली मिश्री (Threaded Rock Sugar) सफेद रंग की, पारदर्शी और छोटे-छोटे क्रिस्टल्स के रूप में होती है, जिसमें अंदर धागा होता है। इसे चीनी को उबालकर, धागे पर जमाने की प्रक्रिया से बनाया जाता है। यह मिश्री, सामान्य कटी हुई मिश्री से अधिक शुद्ध और गुणकारी मानी जाती है।

धागे वाली मिश्री के फायदे

1. गले की खराश और खांसी में राहत

गले की खराश और खांसी ऐसी समस्याएं हैं जो मौसम के बदलाव, सर्दी-खांसी या वायरल संक्रमण के कारण अक्सर होती हैं। इन समस्याओं से न केवल शारीरिक असुविधा होती है, बल्कि यह बोलने में भी परेशानी पैदा कर सकती हैं। हालांकि, बाजार में कई दवाएं और सिरप उपलब्ध हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि धागेवालीमिश्री (Threaded Mishri) एक प्राचीन और प्राकृतिक उपाय है जो गले की खराश और खांसी में राहत देती है धागे वाली मिश्री में प्राकृतिक शर्करा और कुछ औषधीय गुण होते हैं जो गले की सूजन को शांत करने में मदद करते हैं। इसे खाने से गले में आराम मिलता है और खराश कम होती है। यह खांसी को कम करने में सहायक है। मिश्री में मौजूद तत्व खांसी की वजह से होने वाली सूजन को कम करते हैं और खांसी को नियंत्रित करते हैं। धागे वाली मिश्री का सेवन करने से खांसी और जुकाम के कारण बंद हुई नलियों को खोलने में मदद मिलती है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है।

2. एनर्जीबूस्टर

हमारे घरों में बचपन से मिश्री का उपयोग मिठास के लिए होता रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि धागेवालीमिश्री (Threaded Rock Sugar) न सिर्फ स्वाद में मीठी होती है, बल्कि यह एक शक्तिशाली प्राकृतिकएनर्जीबूस्टर भी है? आयुर्वेद में इसे थकान दूर करने, गले को राहत देने और शरीर को ठंडक देने के लिए एक अद्भुत औषधि माना गया है। धागे वाली मिश्री में प्राकृतिकग्लूकोज़औरसुक्रोज़ होते हैं, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा देने का काम करते हैं। जब शरीर थका हुआ महसूस करता है, तो मिश्री का एक छोटा टुकड़ा चूसने से ताजगी मिलती है। धागे वाली मिश्री मानसिक थकावट को दूर करने में मदद करती है। परीक्षा देने वाले छात्रों या ऑफिस में लगातार काम करने वालों के लिए यह एक बेहतरीन “ब्रेन बूस्टर” भी है। ।

3. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

हमारे भारतीय घरों में खाने के बाद मिश्री और सौंफ का सेवन करना एक पुरानी परंपरा रही है। खासकर धागेवालीमिश्री (Threaded Mishri) को आयुर्वेद में औषधीय माना गया है। इसका उपयोग सिर्फ मिठास के लिए ही नहीं, बल्कि के लिए भी किया जाता है। मिश्री में क्षारीय गुण (alkaline properties) होते हैं, जो पेट की जलन, गैस और अपच की समस्या को कम करते हैं। यह एसिड को न्यूट्रल कर पेट को शांत करती है। सौंफ और मिश्री का सेवन करने से भोजन के बाद पेट हल्का और ताजा महसूस होता है। यह भोजन को जल्दी और सही तरीके से पचाने में सहायक है।

4. तनाव और सिरदर्द में लाभकारी

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में तनाव (Stress) और सिरदर्द (Headache) आम समस्याएं बन चुकी हैं। नींद की कमी, चिंता, काम का बोझ, अनियमित खानपान और स्क्रीन टाइम का बढ़ना इन समस्याओं को और बढ़ा देता है। ऐसे में बहुत लोग पेनकिलर या तनाव कम करने वाली दवाइयों का सहारा लेते हैं, जिनके साइड इफेक्ट हो सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक सरल, प्राकृतिक और मीठा उपाय—धागेवालीमिश्री (Threaded Mishri)—इन दोनों समस्याओं में राहत दे सकता है?धागे वाली मिश्री पारंपरिक तरीके से तैयार की जाती है, जिसमें एक पतले धागे पर चीनी को धीरे-धीरे क्रिस्टलाइज किया जाता है। यह सामान्य मिश्री से ज्यादा शुद्ध और औषधीय होती है। आयुर्वेद में इसे मानसिक और शारीरिक शांति प्रदान करने वाला माना गया है

5. आँखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक

आज के डिजिटल युग में मोबाइल, लैपटॉप और टीवी स्क्रीनों के अत्यधिक उपयोग के कारण एक आम समस्या बन गई है। नींद की कमी, पोषण की कमी और आंखों पर तनाव से दृष्टि धीरे-धीरे कमज़ोर होती जाती है। ऐसे में आयुर्वेद में बताई गई घरेलू चीज़ें, जैसे धागेवालीमिश्री (Threaded Mishri), आंखों की सेहत के लिए वरदान साबित हो सकती हैं।धागे वाली मिश्री एक शुद्ध और पारंपरिक मिश्री होती है, जिसे धागे पर जमाया जाता है। यह साधारण चीनी से अलग होती है क्योंकि इसमें प्राकृतिक खनिज और ठंडक प्रदान करने वाले तत्व होते हैं

6. मौसमी बुखार में राहत

मौसमी बुखार (Seasonal Fever) हर साल बदलते मौसम में एक आम समस्या बन जाती है। गर्मी, सर्दी या बारिश के मौसम में शरीर के इम्यून सिस्टम पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे बुखार, सर्दी, खांसी और गले में खराश जैसी समस्याएं हो जाती हैं। हालांकि बुखार एक सामान्य लक्षण है, लेकिन इसका इलाज जल्दी करना और शरीर को राहत देना ज़रूरी होता है। ऐसे में धागेवालीमिश्री (Threaded Mishri) एक प्रभावी और प्राकृतिक उपाय साबित हो सकती है।

7.विषाक्त पदार्थ कम करे

बहुत ही कम लोग जानते हैं कि चीनी में मौजूद सल्फर शरीर में एक टॉक्सिक पदार्थ की तरह काम करती है और इसलिए चीनी का सेवन करने से बॉडी में टॉक्सिन्स बढ़ने लगते हैं। वहीं धागा मिश्री नेचुरल है और इसमें सल्फर आदि का इस्तेमाल नहीं होता है। चीनी की बजाय इसका उपयोग करना शरीर में विषाक्त पदार्थों को कम करने में मदद कर सकता है।

सिंपल चीनी की जगह इस्तेमाल करें धागे वाली मिश्री, सेहत को मिलेंगे ये 4 जबरदस्त फायदे

Benefits of Dhaga mishri: आजकल लोगों ने अपनी डाइट में चीनी का इस्तेमाल करना काफी ज्यादा शुरू कर दिया है, जो हमारे स्वास्थ्य को थोड़ा बहुत नहीं बल्कि बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसे में धागा मिश्री का इस्तेमाल किया जा सकता है

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आजकल लोगों का लाइफस्टाइल इतना खराब हो गया है कि अब खानपान पहले की तुलना में उनके शरीर को ज्यादा नुकसान पहुंचाने लगा है। मीठे की अगर बात करें तो पहले लोग खूब मीठा खाते थे, लेकिन मेहनत भी उतनी ही ज्यादा करते थे और इसलिए मीठा उनकी सेहत पर ज्यादा असर नहीं दिखा पाता है। लेकिन आजकल लोगों ने मीठा खाना कम कर दिया है, लेकिन फिर भी उनकी सेहत पर इसका असर रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि चीनी में रिफाइंड शुगर तो है ही साथ-साथ सल्फर जैसे कुछ केमिकल भी हैं, जो कहीं न कहीं सेहत को नुकसान पहुंचाते ही हैं। हालांकि, इसके कुछ विकल्प भी हैं, जिनमें धागा मिश्री भी एक है। अगर आप सिंपल चीनी की बजाय धागा मिश्री का उपयोग करते हैं, तो उससे कई फायदे मिल सकते हैं, क्योंकि मिश्री को सिर्फ गन्ने के रस से ही तैयार किया जाता है है और इसमें सल्फर आदि का इस्तेमाल नहीं होता है। चलिए जानते हैं चीनी की जगह पर मिश्री का इस्तेमाल करने के फायदे।

8.पेट को हेल्दी रखे

पेट हमारी सेहत का केंद्र बिंदु है। अगर पेट ठीक है, तो हमारा पूरा शरीर स्वस्थ रहता है। आजकल की तेज़-तर्रार जीवनशैली, अस्वस्थ आहार और तनाव के कारण बहुत से लोग पेट की समस्याओं से जूझते हैं। कब्ज, अपच, गैस, एसिडिटी, और पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। ऐसे में के लिए सही आहार, नियमित दिनचर्या और कुछ आसान उपायों को अपनाना जरूरी है।

9.मुंह के छाले रोके

जब भी हमारे मुंह में छाले हो जाते हैं, जो हमें मीठा कम करने को कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि शुगर इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ता है और साथ ही चीनी में मौजूद सल्फर छालों को बढ़ा सकता है। लेकिन वहीं इसकी विपरीत धागा मिश्री का शीतल प्रभाव मुंह के छालों को बढ़ाने का नहीं बल्कि कम करने में मदद करता है

10.आंखों को हेल्दी रखे

आजकल लोगों को आंखों से जुड़ी काफी समस्याएं होने लगती हैं और आपको बता दें कि धागा मिश्री का उपयोग करना भी आपकी आंखों के लिए अच्छा माना जाता है। चीनी में मौजूद केमिकल व रिफाइंड शुगर जहां आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, वहीं प्राकृतिक गुणों वाली धागा मिश्री आंखों को हेल्दी रखने में मदद करती हैहालांकि, इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि धागा मिश्री में भी शुगर है और डायबिटीज व मोटापे से परेशान मरीजों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप अपनी डाइट में चीनी को हटाकर धागा मिश्री शामिल करने की सोच रहे हैं

उपयोग के तरीके

  • गले की खराश: मुलेठी व मिश्री को मिलाकर दिन में 2-3 बार चूसें।
  • पाचन के लिए: खाने के बाद मिश्री और सौंफ का सेवन करें।
  • एनर्जी पाने के लिए: दूध या गुनगुने पानी के साथ मिश्री लें।
  • सिरदर्द में: मिश्री को गुलाब जल या गाय के दूध के साथ लें।
  • आँखों के लिए: मिश्री, बादाम, काली मिर्च का पाउडर बनाकर रोज सुबह एक चम्मच खाएं।

औषधीयगुण (Medicinal Properties)

  • शीतल (ठंडक देने वाली)
  • मधुर (स्वाद में मीठी)
  • एनर्जी टॉनिक
  • पाचन में सहायक
  • मस्तिष्क को शांति देने वाली

संभावित नुकसान

हालांकि धागे वाली मिश्री प्राकृतिक होती है, फिर भी कुछ सावधानियाँ बरतना ज़रूरी है:

  • मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • अधिक मात्रा में सेवन से वजन बढ़ सकता है।
  • यह ठंडी तासीर वाली होती है, इसलिए सर्दियों में अधिक न लें।

धागे वाली मिश्री सिर्फ एक मीठा स्वाद नहीं है, बल्कि यह आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर एक औषधीय तत्व है। सही मात्रा में और सही तरीके से इसका सेवन अनेक स्वास्थ्य लाभ दे सकता है। यदि आप प्राकृतिक और घरेलू उपायों के शौकीन हैं, तो यह मिश्री आपके जीवन का हिस्सा जरूर बननी चाहिए।

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