जिद्दी बच्चे किसी भी बात पर बहेस कारने लगते इसलिए, उन्हें यह मौका ना दें।इसके बजाय, बच्चे की बात को सुनें और उसकी बातो मेँ ही बातचीत में बदल दें किसी जिद्दीबच्चे को यह बताना कि उसे क्याकरना है, पहले यह समझें कि बच्चा क्यों जिद कर रहा है। कभी-कभी बच्चों की जिद का कारण होता है कि वे खुद को सुनवाना चाहते हैं या किसी बात को लेकर परेशान होते हैं।जिद्दी बच्चे अक्सर तनाव और गुस्से में आकर अपनी जिद बढ़ा सकते हैं। इसलिए, शांत और सकारात्मक माहौल बनाए रखें।
सीमाएं और नियम तय करें
बच्चे को यह स्पष्ट रूप से बताएं कि क्या किया जा सकता है और क्या नहीं। नियमों में लचीलापन हो सकता है, लेकिन उन्हें समझाना जरूरी है। जब बच्चा जिद करे, तो उसे सीधे न बताएं कि वह गलत है। इसके बजाय, उसे अपनी बात समझाने का मौका दें। जैसे, “क्या तुम मुझे यह समझा सकते हो कि तुम ऐसा क्यों चाहते हो?” बच्चों के सामने आदर्श बनकर पेश आएं। जब वे आपको शांत और संयमित होते हुए देखें, तो वे भी वैसा ही व्यवहार करने की कोशिश करेंगे। अगर बच्चा किसी काम में असमर्थ महसूस करता है तो उसे मदद देने की पेशकश करें। इससे उसे यह अहसास होगा कि वह अकेला नहीं है। जब बच्चा सही व्यवहार दिखाए, तो उसकी प्रशंसा करें। इससे बच्चे को यह समझ में आता है कि अच्छे व्यवहार का परिणाम सकारात्मक होता है। जिद्दी बच्चों को थोड़ी सी स्वतंत्रता देने से वे खुश रहते हैं और उनका आत्मसम्मान बढ़ता है।
संगतिऔरअनुशासनबनाएरखें
यदि आप एक नियम बनाते हैं, तो उसे लगातार लागू करें। जब बच्चा देखेगा कि कोई नियम हमेशा लागू होता है, तो वह उसे स्वीकार करेगा। नियमित रूप से बच्चों को अच्छे व्यवहार, सहनशीलता, और संयम के बारे में सिखाएं। यह आदतें धीरे-धीरे उनके व्यवहार में बदलाव लाती हैं। बच्चों के साथ समय बिताने में आपकी प्रतिक्रिया और व्यवहार महत्वपूर्ण होते हैं। खुद को भी शांत और संयमित बनाए रखें, ताकि आप एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत कर सकें।
बच्चे की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दें:
बच्चों को अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए निर्णय लेने का मौका दें। जैसे, “तुम क्या चाहते हो, इस समयफल का स्वाद या वह?” इस तरह, बच्चे को खुद की पसंद बनाने का अनुभव होगा और वे कम जिद करेंगे। जिद्दी बच्चे अक्सर अपने विचारों और इच्छाओं को दबाए नहीं रखते। कभी-कभी बच्चों को यह महसूस कराएं कि आप उनके विचारों की कद्र करते हैं। जैसे, “तुम्हें यह काम इस तरह से करना अच्छा लगता है, तो हम इसे एक बार इस तरीके से करेंगे, लेकिन फिर अगली बार हम नए तरीके से कोशिश करेंगे।”
जब बच्चे बुरी स्थिति में होते हैं और अत्यधिक जिद करते हैं, तो शांत और संयमित रहना बेहद महत्वपूर्ण है। गुस्से में आकर प्रतिक्रिया देने से स्थिति और बिगड़ सकती है।
ब्रेक लें: अगर स्थिति गंभीर हो जाए, तो आप बच्चे को थोड़ी देर के लिए शांत होने का समय दे सकते हैं। आप उसे एक जगह पर शांत बैठने के लिए कह सकते हैं और बाद में उस पर बातचीत कर सकते हैं।
परिवार में सौहार्द्रपूर्ण वातावरण
· जिद्दी बच्चे अपने आस-पास के वातावरण से भी प्रभावित होते हैं। परिवार के सदस्यों के बीच प्यार और सहयोग का माहौल होने से बच्चों को यह सीखने में मदद मिलती है कि सही तरीके से संवाद करना और समस्याओं को हल करना कैसा होता है।बच्चों को ऐसी गतिविधियों में संलग्न करें जो उनके मन और शरीर को संतुलित रखे, जैसे कि कला, खेल, या संगीत। इस तरह की गतिविधियों से बच्चे की ऊर्जा सकारात्मक दिशा में जाती है, और जिद भी कम हो सकती है
अच्छे और बुरे परिणामों का सामना करना सिखाएं
जब बच्चा जिद करता है, तो उन्हें यह बताएं कि उनके निर्णयों के परिणाम भी होंगे। उदाहरण के लिए, “अगर तुम अपना गृहकार्य समय पर खत्म नहीं करते हो, तो हम तुम्हारी पसंदीदा गतिविधि नहीं कर पाएंगे।” इस तरह से वे यह समझ सकते हैं कि उनके निर्णयों का असर पड़ता है।: बच्चों को परिणाम समझाने से उन्हें अपने कार्यों की जिम्मेदारी का अहसास होता है और वे जिद कम करने की कोशिश करते हैं। छोटे बच्चों को घर के कामों में थोड़ा बहुत शामिल करने से उनकी जिम्मेदारी की भावना बढ़ती है। जैसे, “क्या तुम बर्तन धोने में मेरी मदद करोगे?” जब बच्चे जिम्मेदारी निभाते हैं, तो वे अपने व्यवहार के बारे में अधिक सोचते हैं और अपनी जिद कम करते हैं। बच्चों को समय का महत्व और स्वच्छता, अनुशासन जैसी आदतों को सिखाने के लिए धीरे–धीरे जिम्मेदारियां दें। उन्हें यह समझने में मदद करें कि एक अच्छा और जिम्मेदार इंसान बनने के लिए कुछ नियमों का पालन जरूरी होता है। यदि बच्चा किसी चीज़ को लेकर परेशान या नाखुश है, तो उसे सांत्वना दें और यह बताएं कि आप उसके साथ हैं। इससे बच्चे को आराम मिलता है और उसकी जिद कम हो सकती है।