एक मनोवैज्ञानिक के अनुसार, 3 सबसे खतरनाक ‘पालन-पोषण शैलियाँ’

पालन-पोषण (Parenting)एक ऐसा सफर है जो बहुत से लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हमारे बच्चों को भले ही यह लगे कि हम सब कुछ जानते हैं, लेकिन हम भी पहले बार माता-पिता बने हैं और इस रास्ते पर चलते हुए बहुत कुछ सीख रहे हैं। अन्य जीवन की तरह, माता-पिता बनने के लिए कोई व्यापक निर्देशिका नहीं होती है। फिर भी, कई माता-पिता खुद को पर्याप्त श्रेय नहीं देते। सच्चाई यह है कि पालन-पोषण का कोई एक “सही तरीका” नहीं है। खुशहाल, स्वस्थ और संतुलित बच्चे कई विभिन्न तरीकों से पाले जा सकते हैं। हालांकि, कुछ पालन-पोषण की शैलियाँ ऐसी होती हैं जिन्हें किसी भी हालत में अपनाया नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इनमें से कुछ बच्चों पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। हालाँकि इन शैलियों को अच्छे इरादों के साथ या खुद की कठिन परिस्थितियों के कारण अपनाया जा सकता है, इनका प्रभाव गहरा और दूरगामी हो सकता है।यहां तीन सबसे खतरनाक पालन-पोषण शैलियों के बारे में बताया गया है, जिनके बारे में मनोवैज्ञानिक शोधों में बात की गई है—इनकी व्यवहारिक स्थिति क्या हो सकती है, और इनसे बच्चों पर क्या नकरात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

Contents hide
1 पालन-पोषण (Parenting)एक ऐसा सफर है जो बहुत से लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हमारे बच्चों को भले ही यह लगे कि हम सब कुछ जानते हैं, लेकिन हम भी पहले बार माता-पिता बने हैं और इस रास्ते पर चलते हुए बहुत कुछ सीख रहे हैं। अन्य जीवन की तरह, माता-पिता बनने के लिए कोई व्यापक निर्देशिका नहीं होती है। फिर भी, कई माता-पिता खुद को पर्याप्त श्रेय नहीं देते। सच्चाई यह है कि पालन-पोषण का कोई एक “सही तरीका” नहीं है। खुशहाल, स्वस्थ और संतुलित बच्चे कई विभिन्न तरीकों से पाले जा सकते हैं। हालांकि, कुछ पालन-पोषण की शैलियाँ ऐसी होती हैं जिन्हें किसी भी हालत में अपनाया नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इनमें से कुछ बच्चों पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। हालाँकि इन शैलियों को अच्छे इरादों के साथ या खुद की कठिन परिस्थितियों के कारण अपनाया जा सकता है, इनका प्रभाव गहरा और दूरगामी हो सकता है।यहां तीन सबसे खतरनाक पालन-पोषण शैलियों के बारे में बताया गया है, जिनके बारे में मनोवैज्ञानिक शोधों में बात की गई है—इनकी व्यवहारिक स्थिति क्या हो सकती है, और इनसे बच्चों पर क्या नकरात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

आधिकारिक पालन-पोषण (Authoritarian Parenting) जर्नल ऑफ कॉग्निटिव साइकोथेरपी के शोध के अनुसार, आधिकारिक पालन-पोषण (Authoritarian Parenting) कम स्नेह और उच्च व्यवहार नियंत्रण की विशेषता होती है। यह एक बहुत सख्त पालन-पोषण शैली है जो नियमों का पालन अनिवार्य मानती है, बिना किसी स्नेह या देखभाल के। इस शैली में अक्सर आज्ञा और अनुशासन पर बहुत जोर दिया जाता है, और संवाद या समझौते की कोई जगह नहीं होती।

सरल शब्दों में कहें तो, आधिकारिक पालन-पोषण सभी नियमों को बिना किसी स्पष्टीकरण या लचीलापन के लागू करने पर जोर देता है। इससे ऐसे घरों का निर्माण होता है जहां नियमों का पालन केवल नियमों के कारण किया जाता है, बच्चों की दृष्टिकोण को नज़रअंदाज़ करते हुए।

उदाहरण के रूप में, एक माता-पिता की कल्पना करें जो अपने किशोर को किसी समूह परियोजना पर काम करने के लिए स्कूल में देर तक रुकने के बावजूद सख्ती से कर्फ्यू लागू करता है, और इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता। यहाँ कर्फ्यू का पालन केवल इसलिए किया जाता है क्योंकि यह एक “नियम” है, न कि बच्चे की परिस्थिति को समझने की कोशिश के रूप में।

संभावित नकरात्मक प्रभाव: यह शैली बच्चों में आत्म-सम्मान की कमी, भावनात्मक असुरक्षा, और समाजिक संबंधों में समस्याएँ उत्पन्न कर सकती है। वे अपनी स्वतंत्रता और राय व्यक्त करने में असमर्थ महसूस कर सकते हैं, और नकारात्मक भावनाओं के साथ बड़े हो सकते हैं।

Leave a comment