अंडाशय, या ओवरी,Ovarian Cyst महिलाओं के प्रजनन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये गर्भाशय के दोनों ओर स्थित होते हैं और अंडे उत्पन्न करने के साथ-साथ हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन भी करते हैं। ओवेरियन सिस्ट तरल पदार्थ से भरी हुई थैलियां होती हैं जो अंडाशय के अंदर या उसकी सतह पर विकसित होती हैं। ये विभिन्न आकारों में हो सकती हैं, एक मटर के दाने जितनी छोटी से लेकर एक संतरे जितनी बड़ी तक।
फॉलिक्युलर सिस्ट : मासिक धर्म चक्र के दौरान, अंडाशय के भीतर एक छोटा सा थैली (कूप) विकसित होता है जिसमें एक अंडा होता है। आमतौर पर, यह थैली फट जाती है और अंडे को छोड़ देती है। यदि थैली नहीं फटती है और बढ़ती रहती है, तो यह एक फॉलिक्युलर सिस्ट बन जाती है।
कॉर्पस ल्यूटियम सिस्ट: अंडा जारी होने के बाद, कूप का अवशेष कॉर्पस ल्यूटियम नामक एक संरचना में बदल जाता है, जो गर्भावस्था के लिए हार्मोन का उत्पादन करता है। यदि इसमें तरल पदार्थ जमा हो जाता है, तो यह कॉर्पस ल्यूटियम सिस्ट बन सकता है।
गैर-कार्यात्मक सिस्ट(Non-Functional Cysts):
डर्माइड सिस्ट या टेराटोमा : ये सिस्ट असामान्य ऊतक से बनी होती हैं, जैसे कि बाल, त्वचा, दांत या वसा। ये जन्म के समय से मौजूद हो सकती हैं और आकार में बढ़ सकती हैं। ये आमतौर पर कैंसरयुक्त नहीं होती हैं।
सिस्टेडेनोमा : ये सिस्ट अंडाशय की बाहरी सतह पर विकसित होती हैं और श्लेष्म या पानी से भरी होती हैं। ये आकार में बड़ी हो सकती हैं और कुछ मामलों में कैंसरयुक्त हो सकती हैं, हालांकि यह दुर्लभ है।
एंडोमेट्रियोमा या चॉकलेट सिस्ट : ये सिस्ट एंडोमेट्रियोसिस से जुड़ी होती हैं, एक ऐसी स्थिति जिसमें गर्भाशय के अंदर की परत (एंडोमेट्रियम) के समान ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ता है। जब यह ऊतक अंडाशय पर बढ़ता है, तो यह रक्त से भरी सिस्ट बना सकता है, जिसे अक्सर “चॉकलेट सिस्ट” कहा जाता है क्योंकि इसमें पुराना, गहरा रक्त होता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से जुड़ी सिस्ट: पीसीओएस एक हार्मोनल विकार है जिसमें अंडाशय पर कई छोटे सिस्ट विकसित होते हैं। यह अनियमित मासिक धर्म, हार्मोनल असंतुलन और बांझपन का कारण बन सकता है।
अंडाशय की सिस्ट क्या होती है(Treatment of Ovarian Cysts)
Ovarian Cyst, यानी अंडाशय की सिस्ट, महिलाओं के अंडाशय (Ovary) में बनने वाली एक तरल पदार्थ से भरी थैली होती है। हर महिला के शरीर में दो अंडाशय होते हैं दायां (Right Ovary) और बायां (Left Ovary)। इन सिस्टों का आकार मटर जितना छोटा या संतरे जितना बड़ा हो सकता है।
सिक धर्म चक्र : कार्यात्मक सिस्ट का सबसे आम कारण सामान्य मासिक धर्म चक्र का हिस्सा है।
हार्मोनल असंतुलन : हार्मोनल उतार-चढ़ाव सिस्ट के विकास में योगदान कर सकते हैं, खासकर पीसीओएस जैसी स्थितियों में।
गर्भावस्था : गर्भावस्था की शुरुआत में कॉर्पस ल्यूटियम सिस्ट विकसित हो सकती है।
एंडोमेट्रियोसिस : गर्भाशय के बाहर एंडोमेट्रियल ऊतक का बढ़ना एंडोमेट्रियोमा का कारण बन सकता है।
गंभीर पेल्विक संक्रमण : यदि संक्रमण अंडाशय तक फैलता है, तो यह सिस्ट बना सकता है।
पहले सिस्ट का इतिहास : यदि आपको पहले सिस्ट हुई है, तो भविष्य में भी होने की संभावना अधिक होती है।
बांझपन का उपचार : कुछ बांझपन के उपचार, जैसे कि प्रजनन दवाएं, अंडाशय को अधिक सिस्ट बनाने के लिए उत्तेजित कर सकती हैं।
अंडाशय की सिस्ट के लक्षण (Symptoms of Ovarian Cysts)
अक्सर, ओवेरियन सिस्ट Ovarian Cyst कोई लक्षण पैदा नहीं करती हैं और नियमित जांच के दौरान ही उनका पता चलता है। हालांकि, यदि सिस्ट बड़ी हो जाती है, फट जाती है, या अंडाशय के रक्त प्रवाह को बाधित करती है, तो यह गंभीर लक्षण पैदा कर सकती है। लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
पेट के निचले हिस्से में दर्द : यह दर्द हल्का या तेज हो सकता है और एक तरफ केंद्रित हो सकता है। यह लगातार या रुक-रुक कर हो सकता है।
पेट में भारीपन या दबाव : विशेष रूप से पेट के निचले हिस्से में।
पेट फूलना : पेट में गैस या सूजन महसूस होना।
मासिक धर्म में अनियमितता :मासिक धर्म चक्र में बदलाव, जैसे कि मासिक धर्म का भारी या हल्का होना, या मासिक धर्म के बीच रक्तस्राव।
संभोग के दौरान दर्द: संभोग के दौरान या बाद में दर्द महसूस होना।
मल त्याग करने या पेशाब करने में कठिनाई : सिस्ट मूत्राशय या आंतों पर दबाव डाल सकती है, जिससे बार-बार पेशाब आने की इच्छा या कब्ज हो सकती है।
मतली और उल्टी: यदि सिस्ट फट जाती है या अंडाशय में मरोड़ आ जाती है, तो यह गंभीर मतली और उल्टी का कारण बन सकता है।
पीठ दर्द या जांघों में दर्द: कुछ मामलों में, दर्द पीठ के निचले हिस्से या जांघों तक फैल सकता है।
असामान्य योनि से रक्तस्राव : मासिक धर्म के अलावा रक्तस्राव या स्पॉटिंग।
ओवेरियन सिस्ट का निदान (Diagnosis of Ovarian Cysts)
शारीरिक परीक्षण : डॉक्टर आपके पेट की जांच कर सकते हैं और अंडाशय में किसी भी असामान्यता का पता लगा सकते हैं।
पेल्विक अल्ट्रासाउंड : यह सबसे आम और प्रभावी निदान उपकरण है। यह ध्वनि तरंगों का उपयोग करके अंडाशय की विस्तृत छवियां बनाता है, जिससे सिस्ट के आकार, स्थान और विशेषताओं का पता चलता है।
सीटी स्कैन या एमआरआई : कुछ मामलों में, अधिक विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए सीटी स्कैन या एमआरआई की आवश्यकता हो सकती है, खासकर यदि सिस्ट बड़ी या जटिल हो।
रक्त परीक्षण (Blood Tests):
CA-125 टेस्ट: यह रक्त परीक्षण अंडाशय के कैंसर के मार्कर CA-125 के स्तर को मापता है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि CA-125 का उच्च स्तर हमेशा कैंसर का संकेत नहीं होता है; यह एंडोमेट्रियोसिस, गर्भाशय फाइब्रॉएड और पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज जैसी अन्य गैर-कैंसर स्थितियों में भी ऊंचा हो सकता है।
हार्मोनल टेस्ट: हार्मोनल असंतुलन का पता लगाने के लिए हार्मोनल टेस्ट किए जा सकते हैं, खासकर यदि पीसीओएस का संदेह हो।
प्रेगनेंसी टेस्ट: यदि गर्भावस्था की संभावना है, तो यह यह जानने के लिए किया जा सकता है कि क्या कॉर्पस ल्यूटियम सिस्ट का कारण है।
लेप्रोस्कोपी (Laparoscopy): कुछ मामलों में, सिस्ट को सीधे देखने और बायोप्सी के लिए एक छोटे चीरे के माध्यम से पेट में एक पतली, रोशनी वाली ट्यूब (लेप्रोस्कोप) डाली जा सकती है। यह आमतौर पर तब किया जाता है जब सिस्ट के कैंसरयुक्त होने का संदेह होता है या जब अन्य निदान विधियां अस्पष्ट होती हैं।
अंडाशय की सिस्ट का उपचार (Treatment of Ovarian Cysts)
कई कार्यात्मक सिस्ट अपने आप ठीक हो जाती हैं, खासकर यदि वे छोटी हों और कोई लक्षण पैदा न करें। डॉक्टर कुछ हफ्तों या महीनों के बाद सिस्ट के आकार में बदलाव देखने के लिए फॉलो-अप अल्ट्रासाउंड का सुझाव दे सकते हैं।
. दर्द प्रबंधन
यदि सिस्ट दर्द का कारण बन रही है, तो ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक, जैसे इबुप्रोफेन या नेप्रोक्सन, लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। गर्म सिकाई भी आरामदायक हो सकती है।
हार्मोनल गर्भनिरोधक
जन्म नियंत्रण की गोलियां सिस्ट को बनने से रोकने में मदद कर सकती हैं और मौजूदा सिस्ट को बढ़ने से रोक सकती हैं। वे मासिक धर्म चक्र को भी नियमित करने में मदद कर सकती हैं।
सर्जरी
यदि सिस्ट बड़ी है, लक्षण पैदा कर रही है, बढ़ती जा रही है, या कैंसरयुक्त होने का संदेह है, तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। सर्जरी के प्रकार में शामिल हैं:
सिस्टेक्टॉमी : यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें केवल सिस्ट को हटाया जाता है, और अंडाशय को वैसे ही छोड़ दिया जाता है। यह अक्सर उन महिलाओं के लिए पसंद किया जाता है जो अपनी प्रजनन क्षमता को बनाए रखना चाहती हैं।
सिस्टेक्टॉमी : यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें केवल सिस्ट को हटाया जाता है, और अंडाशय को वैसे ही छोड़ दिया जाता है। यह अक्सर उन महिलाओं के लिए पसंद किया जाता है जो अपनी प्रजनन क्षमता को बनाए रखना चाहती हैं।
ओफोरेक्टॉमी : इस प्रक्रिया में पूरे अंडाशय को हटा दिया जाता है। यह तब किया जा सकता है जब सिस्ट बहुत बड़ी हो, कैंसरयुक्त हो, या यदि महिला रजोनिवृत्ति के करीब हो।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी : यह एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी है जिसमें पेट में छोटे चीरे लगाए जाते हैं। एक पतली, रोशनी वाली ट्यूब (लेप्रोस्कोप) और छोटे उपकरण सिस्ट को हटाने के लिए डाले जाते हैं।
लेपरोटॉमी : यह एक खुली सर्जरी है जिसमें पेट में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। यह तब आवश्यक हो सकता है जब सिस्ट बहुत बड़ी हो, कैंसर का संदेह हो, या अन्य जटिलताएं हों।
ओवेरियन सिस्ट से बचाव (Prevention of Ovarian Cysts)
कार्यात्मक सिस्ट को पूरी तरह से रोकना हमेशा संभव नहीं होता है, क्योंकि वे मासिक धर्म चक्र का एक सामान्य हिस्सा हैं। हालांकि, कुछ उपाय सिस्ट के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं या उनकी पुनरावृत्ति को रोक सकते हैं:
नियमित जांच : नियमित स्त्री रोग संबंधी जांच और पेल्विक अल्ट्रासाउंड शुरुआती चरणों में सिस्ट का पता लगाने में मदद कर सकते हैं, जिससे समय पर उपचार हो सके।
हार्मोनल गर्भनिरोधक का उपयोग : जन्म नियंत्रण की गोलियां ओव्यूलेशन को दबाकर कार्यात्मक सिस्ट के गठन को रोकने में मदद कर सकती हैं।
स्वस्थ जीवन शैली : एक संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ वजन बनाए रखने से हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद मिल सकती है, जो अप्रत्यक्ष रूप से सिस्ट के जोखिम को कम कर सकता है।
तनाव प्रबंधन : तनाव हार्मोनल असंतुलन को प्रभावित कर सकता है, इसलिए तनाव को प्रबंधित करने के प्रभावी तरीके खोजना महत्वपूर्ण है।
नियमित रूप से व्यायाम करें : व्यायाम समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकता है।
संतुलित आहार लें : फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर आहार स्वस्थ हार्मोनल स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
पर्याप्त नींद लें : नींद की कमी हार्मोनल संतुलन को बाधित कर सकती है।
कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए? (When to See a Doctor?)
यद्यपि अधिकांश ओवेरियन सिस्ट हानिरहित होती हैं और अपने आप ठीक हो जाती हैं, कुछ लक्षण संकेत दे सकते हैं कि आपको तुरंत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है:
अचानक, गंभीर पेट दर्द
तेज बुखार और उल्टी के साथ पेट दर्द
बेहोशी या चक्कर आना
तेज और अनियमित सांस लेना
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
निष्कर्ष
ओवेरियन सिस्ट Ovarian Cyst महिलाओं में एक आम स्थिति है, और ज्यादातर मामलों में ये चिंता का कारण नहीं होती हैं। हालांकि, लक्षणों को पहचानना और समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है, खासकर यदि आपको गंभीर दर्द या अन्य असामान्य लक्षण महसूस होते हैं। नियमित स्त्री रोग संबंधी जांच और एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखकर, आप अपनी ओवेरियन स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रख सकती हैं। यदि आपको ओवेरियन सिस्ट के बारे में कोई चिंता है, तो अपने डॉक्टर से बात करने में संकोच न करें। आपकी व्यक्तिगत स्थिति के लिए सबसे अच्छा निदान और उपचार योजना विकसित करने में वे आपकी सहायता कर सकते हैं।
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