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ICC टूर्नामेंट्स के बाज़ीगर: युवराज सिंह बाकी भारतीय खिलाड़ियों से क्यों हैं बेहतर (2000 से 2011 तक)

प्रस्तावना

भारतीय क्रिकेट इतिहास में कई दिग्गज खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने देश के लिए अद्भुत प्रदर्शन किया। लेकिन जब बात आईसीसी टूर्नामेंट्स की होती है — जहाँ दबाव चरम पर होता है, दर्शकों की उम्मीदें सातवें आसमान पर होती हैं — तब कुछ ही खिलाड़ी होते हैं जो इन हालातों में चमकते हैं। युवराज सिंह उन्हीं चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्होंने 2000 से 2011 तक भारत को आईसीसी टूर्नामेंट्स में गौरव दिलाने में सबसे अहम भूमिका निभाई।

तो आइए जानते हैं, 2000 से लेकर 2011 के बीच, युवराज सिंह बाकी भारतीय खिलाड़ियों से ICC टूर्नामेंट्स में क्यों बेहतर साबित हुए।

बड़े मौकों पर बड़ा खिलाड़ी

Yuvraj Singh Profile: Height, Age, Affairs, Biography | Amar Ujala660 × 463

2000 चैंपियंस ट्रॉफी (केन्या में पदार्पण का धमाका)

युवराज सिंह ने साल 2000 में चैंपियंस ट्रॉफी में अपना डेब्यू किया और पहले ही टूर्नामेंट में अपनी छाप छोड़ दी।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 84 रनों की पारी उस समय आई जब भारत को एक बड़े खिलाड़ी की दरकार थी। उस मैच में उन्होंने ग्लेन मैक्ग्राथ, ब्रेट ली और जेसन गिलेस्पी जैसे गेंदबाजों को बेहिचक खेला।

2002 चैंपियंस ट्रॉफी में निरंतरता

इस टूर्नामेंट में युवराज ने कई अहम पारियाँ खेलीं और भारत को फाइनल तक पहुंचाया।
इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में उनकी 63 रनों की पारी बेहद अहम थी। ये वही टूर्नामेंट था जिसमें भारत और श्रीलंका संयुक्त विजेता बने क्योंकि बारिश के कारण फाइनल पूरा नहीं हो सका।

2003 वर्ल्ड कप: टीम के स्तंभ

2003 के वर्ल्ड कप में भारत फाइनल तक पहुंचा और युवराज सिंह ने बीच के ओवर्स में अपनी बल्लेबाज़ी से कई मैचों में अहम योगदान दिया।

पाकिस्तान के खिलाफ लीग मैच में युवराज की 50 रनों की तेज़ पारी ने भारत को लक्ष्य का पीछा करने में मदद की।उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में लगभग 260 रन बनाए और भारत को मध्यक्रम में मजबूती दी।

2007 T20 वर्ल्ड कप: इतिहास रचने वाला प्रदर्शन

Yuvraj Singh Biopic: 2011 वर्ल्ड कप जीत के हीरो पर बनने जा रही बायोपिक, कौन  बनेगा युवराज सिंह? | Yuvraj singh cricketer biopic announced by bhushan  kumar ravi bhagchandka1,280 × 720

  • इंग्लैंड के खिलाफ 6 गेंदों पर 6 छक्के (स्टुअर्ट ब्रॉड के खिलाफ) – यह पल भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक अनमोल क्षण बन गया।
  • ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में 30 गेंदों पर 70 रन – इस तूफानी पारी ने ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को भी हिला दिया।

इस पूरे टूर्नामेंट में युवराज ने ना केवल बल्ले से आग उगली बल्कि अपने जज्बे से टीम को चैंपियन बनाने में मदद की।

2011 वर्ल्ड कप: मैन ऑफ द टूर्नामेंट

Yuvraj Singh: 6 गेंदों पर 6 छक्के और 12 बॉल पर अर्धशतक लगाने वाले युवराज  सिंह ये यहां तक की है पढ़ाई | Jansatta1,200 × 776

युवराज सिंह का करियर प्रदर्शन 2011 वर्ल्ड कप में आया, जहां उन्होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म दिखाई — और वो भी तब जब उन्हें कैंसर के शुरुआती लक्षण महसूस हो रहे थे। इसके बावजूद:

9 मैचों में 362 रन

15 विकेट

4 बार मैन ऑफ द मैच

  • और पूरे वर्ल्ड कप के लिए मैन ऑफ द टूर्नामेंट

युवराज ने श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज जैसे मैचों में निर्णायक पारियाँ खेलीं और गेंद से भी विकेट निकालते रहे।

यह प्रदर्शन सिर्फ क्रिकेटिंग स्किल नहीं, बल्कि जुझारूपन, आत्मबल और देश के लिए मर-मिटने का जज्बा दर्शाता है।

ऑलराउंडर का रोल — एक प्लस पॉइंट

Born To Win: A Tribute To Yuvraj Singh, India's Biggest Match-Winner Of All  Time | OneCricket1,920 × 1,200

जब टीम को न सिर्फ बल्लेबाज़ बल्कि एक अतिरिक्त गेंदबाज़ की जरूरत हो, तब युवराज ने हमेशा कप्तान की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए विकेट लिए।

  • मिडिल ओवर्स में स्पिन गेंदबाज़ी के दौरान ब्रेकथ्रू दिलाना उनकी खासियत रही है।
  • उनकी गेंदबाज़ी ने भारत को बैलेंस्ड टीम बनाया और उन्हें कई बार ‘X-Factor’ साबित किया।

दबाव में शानदार प्रदर्शन

ICC टूर्नामेंट्स में दबाव बहुत ज्यादा होता है। कई बार अच्छे खिलाड़ी भी उस दबाव में बिखर जाते हैं। लेकिन युवराज सिंह ने बार-बार यह साबित किया कि वे प्रेशर में और भी बेहतर खेलते हैं।

उनका शरीर भले थक जाए, लेकिन उनका दिल और जज़्बा हमेशा मजबूत रहता है।

निष्कर्ष

2000 से 2011 के बीच जब भी भारत ने कोई बड़ा ICC टूर्नामेंट खेला, युवराज सिंह ने उसमें खास भूमिका निभाई। चाहे वह शुरुआती दौर में टीम को खड़ा करना हो, मध्यक्रम को संभालना हो या फिर विकेट निकालने की जरूरत हो — युवराज हर मोर्चे पर खरे उतरे।

इसलिए जब भी आईसीसी टूर्नामेंट्स में भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की बात होती है, युवराज सिंह का नाम सबसे ऊपर आता है
वो सिर्फ एक बल्लेबाज़ या गेंदबाज़ नहीं, बल्कि एक ऐसा योद्धा थे जिन्होंने भारत को गौरव दिलाया — और इसीलिए वो बाकी भारतीय खिलाड़ियों से ICC टूर्नामेंट्स में बेहतर साबित हुए।

युवराज सिंह बनेंगे टीम इंडिया के कप्तान, भारत-पाकिस्तान के बीच भी होगा  मुकाबला | Yuvraj Singh's captaincy will be seen again in the World  Championship of Legends 2025 there will also be545 × 1800

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